जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ लेते हैं !!
क्या खूब कहा है किसी ने कि “जीत अगर निश्चित हो तो कायर भी लड़ लेते हैं, बहादुर तो वो कहलाते है जो हार निश्चित हो, फिर भी मैदान नहीं छोड़ते” ।
आप ने ये तो अवश्य ही सुना होगा की अगर जीवन में कामयाब होना है तो हमें हमारी कमजोरी को ढूंढ़ कर उसे अपनी ताकत बनाना चाहिए, लेकिन क्या ये इतना आसान है ? नहीं !! क्योंकि अगर ये इतना आसान होता तो आज हर कमजोर इंसान कामयाब होता। लेकिन जरा सोचिये की अगर कामयाबी इतनी आसानी से मिलने लगे तो क्या कामयाब होने का आप में कोई क्रेज रहेगा, शायद नही !! अगर हीरे मोती भी कंकड़ पत्थरों की तरह ही बिखरे हुए मिलने लगे तो क्या आप उनको कलेक्ट करना चाहोगे ? नहीं करना चाहोगे, जानते हो क्यों ? क्योंकि अगर हीरे मोती इतनी आसानी से मिलने लगेंगे तो वो सब के पास होंगे और उनकी भी पत्थरों की तरह कोई वैल्यू नहीं होगी, इसी प्रकार आसानी से प्राप्त की हुई सफलता की भी कोई खास वैल्यू नहीं होती ! सफलता की असली कदर तो आप तभी करोगे जब वो आसानी से नहीं बल्कि कड़ी मेहनत से मिलेगी !
आप में से हमारे कुछ Readers स्टूडेंट्स भी होंगे, जो अपना करियर बनाने के लिए स्कूल / कॉलेज की पढाई या Competitive Exams क्लियर करने के लिए पढ़ाई कर रहे होंगे, लेकिन कभी कभी frustrate भी हो जाते होंगे, मन में ऐसे ख्याल भी आते होंगे क़ि इतनी मेहनत करने से आखिर क्या होगा, चलो कोई easy सा रास्ता, कोई easy सा स्ट्रीम चुन लेते हैं ! अगर कभी ऐसे विचार मन में आने लगे तो इस बात को याद करना क़ि easy सी पढाई या easy सा स्ट्रीम या easy कॉम्पिटिशन तो हर कोई कर लेगा, फिर आपकी वैल्यू कैसे बनेगी ! अगर आपको हीरे मोतियों की लाइन में खड़ा होना है तो कंकर पत्थरों की लाइन से अलग होना होगा, हीरे मोतियों की लाइन में अपनी जगह बनानी होगी, और अगर वो जगह कड़ी मेहनत से बनेगी तभी हीरे मोतियों को तरह आपकी भी वैल्यू बनेगी !
ये मोटिवेशनल बातें करने का हमारा मकसद बस यही है कि जब भी कभी डिमोटिवेट होने लगो तो मन में यही सोचना कि “जिंदगी में हार तब नहीं होती जब आप हारते हो, बल्कि हार तो तब होती है जब आप हार मान लेते हो”। इसलिए बिना थके बिना रुके अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करते रहें और तब तक न रुकें जब तक की मंजिल हासिल ना हो जाये।