भरोसा अगर खुद पर रखो तो ताकत बन जाता है !!

क्या खूब कहा है  किसी ने 

भरोसा अगर खुद पर रखो तो ताकत बन जाता है, और अगर दूसरों के भरोसे रहो तो कमज़ोरी बन जाता है !

चलिए इस quotes को एक कहानी के माध्यम से समझते हैं।

एक किसान के खेत में चिड़िया का एक घोंसला था, और उस घोंसले में चिड़िया अपने दो बच्चों के साथ रहती थी। चिड़िया दिन भर दाना चुगने के लिए घोंसले से बाहर रहती और बच्चे घोंसले में अकेले रहते। एक दिन किसान अपनी पत्नी के साथ खेत में आया, उसने देखा कि फसल पक्क चुकी है तो वो अपनी पत्नी से बोला, कि फसल तो पक चुकी है पर ये खेत इतना बड़ा है कि मैं अकेला इसकी कटाई नहीं कर सकता इसलिए कल मैं अपने रिश्तेदारों को बुला कर के इस फसल की कटाई करवांऊगा । ये सुन कर चिड़िया के बच्चे डर गए और रात को चिड़िया जब घोंसले में वापिस आयी तो बच्चों ने उसे सारी बात बताई । चिड़िया ने उन्हें समझाया क़ि डरने की कोई बात नहीं है, कोई भी रिस्तेदार फसल काटने नहीं आएगा और हमारे घोंसले को कोई खतरा नहीं है।

अगले दिन किसान और उसकी पत्नी के अलावा कोई भी रिस्तेदार खेत में नहीं आया।  किसान अपनी पत्नी से बोला क़ि रिस्तेदार तो कोई आया नहीं इसलिए कल मैं अपने पडोसी और गांव वालों को बुला के फसल की कटाई करवांऊगा।

ये सुन कर चिड़िया के बच्चे फिर डर गए और रात को जब चिड़िया घोंसले में वापिस आयी तो बच्चों ने उसे सारी बात बताई । चिड़िया ने उन्हें समझाया क़ि डरने की कोई  बात नहीं है,  कोई भी गांव वाला फसल काटने नहीं आएगा और हमें घोंसला छोड़ कर कहीं और जाने क़ि जरूरत नहीं है। ये सुन कर चिड़िया के बच्चे कुछ शांत हुए।

अगले दिन किसान और उसकी पत्नी फिर अकेले ही खेत में आये और कोई भी गांव वाला फसल काटने नहीं आया। किसान अपनी पत्नी से बोला क़ि पडोसी और गावंवालों ने भी फसल काटने से मना कर दिया इसलिए कल मैं खुद ही फसल काटने के औजार ला कर के फसल की कटाई शुरू कर दूंगा।

रात को जब चिड़िया घोंसले में वापिस आयी तो बच्चों ने उसे सारी बात बताई । तब चिड़िया ने बच्चों से कहा क़ि हम कल सुबह ही इस घोंसले को छोड़ कर कहीं और चले जायेंगे क्योंकि कल फसल क़ि कटाई शुरू हो जाएगी और हमारा घोंसला टूट जायेगा।

बच्चों ने चिड़िया कि तरफ हैरानी से देखा और पूछा क़ि आज तक तो आप हमें कहते थे क़ि डरने क़ि कोई बात नहीं है, कोई फसल काटने नहीं आएगा और आज आप कह रही हो क़ि हमें कल सुबह ही घोंसले को छोड़ देना चाहिए, ऐसा क्यों ?  तब चिड़िया ने समझाया क़ि आज तक किसान दूसरों के भरोसे फसल कटाई क़ि बात करता था लेकिन अब वो खुद ही औजार ले के कटाई शरू करने वाला है, इसलिए कल इस खेत की कटाई पक्का शुरू हो जाएगी।

चिड़िया ने समझाया कि जब तक हम किसी काम क़ि लिए दूसरों के भरोसे रहते हैं तब तक वो काम नहीं हो पाता, लेकिन जब हम खुद ही किसी काम के करने का बीड़ा उठा लेते हैं तो उस काम को पूरा होने से कोई रोक नहीं सकता,  इसलिए किसान का खेत चाहे कितना भी बड़ा हो अगर उसने बिना रिश्तेदारों और गांव वालों क़ि मदद के अकेले ही कटाई शुरू करने क़ि बात कहीं है तो अवश्य ही कल से कटाई का काम शुरू हो जायेगा , इसलिए हमें इस घोंसले को अब छोड़ देना चाहिये।  `

इस कहानी से हमें यही सीखने को मिलता है क़ि काम कितना भी कठिन हो,  हमें खुद पर भरोसा रख के आगे बढ़ना चाहिए न क़ि दूसरों के भरोसे रह कर उसे अपनी कमजोरी बनाना चाहिए।

किसी ने सच ही कहा है कि “कोई भी काम सिर्फ तब तक ही असंभव सा लगता है जब तक क़ि वो पूरा न हो जाये।”

काम पूरा होने के बाद अगर आप पीछे मुड के देखोगे तो लगेगा क़ि जो काम शुरू होने से पहले असंभव सा लगता था वो पूरा होने के बाद ऐसा लगने लगता है “अरे ! ये तो इतना भी मुश्किल नहीं था”।

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